दुनिया ने ऊंचे मकाँ बनाके,
मुझसे मेरे हिस्से की धूप भी छीन ली,
मगर मैं अब पुराने ऊंचे परबतों पे रहता हूँ....
अब नया परबत बना के दिखाओ दुनिया !
मुझसे मेरे हिस्से की धूप भी छीन ली,
मगर मैं अब पुराने ऊंचे परबतों पे रहता हूँ....
अब नया परबत बना के दिखाओ दुनिया !