Saturday, 28 January 2012

¤ चार यार ¤

मेरा नाम है धोखा !
आइये तारुफ़ करवाएं
अपने पुराने तीन दोस्तों से
ये अदावत है
ये  बगावत है
ये  बेवफ़ाई ,
सब अज़ीज़ हैं मुझे !

इसीलिए इन्हें
धोखा  देना चाहता हूँ ..
मगर इनसे अदावत
बगावत
और बेवफ़ाई ,
इनके और  भी
करीब ले आती है ..

पीछा छुड़ाऊँ तो कैसे ?

मुझे  यारी
मुहब्बत-ओ-वफ़ादारी
आते नहीं ..

मेरे नए दोस्त बनें
तो  आख़िर बनें  कैसे ?

चलो फिर से
उन्ही पुराने
तीन  दोस्तों  को
धोखे दें ..

अदावत  के
बग़ावत  के
बेवफ़ाई  के
धोखे !

मगर  इस बार
धोखेबाज़ी होगी
इंसानी फ़ितरत के  मद्देनज़र,
यारी
मुहब्बत-ओ-वफ़ादारी
के  वरक में
पोशीदा करके !

(पोशीदा -covered, वरक - cover, layer)

-स्वतःवज्र
 

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