Friday, 30 December 2011

अलविदा 2011

किताब का अंतिम पन्ना,
मतलब साल का अंतिम दिन,
दो पन्ने ही संजोने लायक हैं,
बाकी किताब कचरे के डब्बे में डाल रहा हूँ,


इस बार और साफ साफ लिखूँगा
ध्यान से,
और सार्थक रचूंगा,
ध्यान से,


ताकि इस नयी किताब के ज़्यादा पन्ने दुहरा सकूँ ,
संजो सकूँ ..


अलविदा 2011 !


-स्वरोचिष *स्वतःवज्र*
 

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