हाथी वाले आए बोले-
हाथी बड़े काम का है,
ये गणेश है ये विघ्न-
नाश कर देता है ।
तिलक लगाता है
तराजू भी संभाले है ये
मौक़ा पड़ने पे
तलवार भी उठाता है ।
वोट तुम हमीं को देना
कुरसी हमीं को देना
"पत्थरों का हाथी"
ये ऐलान करे देता है-
पुलिस हमारी है के
सोंटा भी हमारा ही है
पोटा लगा के ये हवा
संट कर देता है ।
"हाथ वाले" आए बोले-
हाथ बड़े काम का है
हाथ गर मिलाएगा
तरक्की चुन लेगा तू ।
तेरे पास दो ही
ऑप्शंस हैं जी बुद्धूराम !
या तो तू मरेगा
या नरेगा चुन लेगा तू ।
वोट तुम हमीं को देना
कुरसी हमीं को देना
सुन "युवराज" ये
ऐलान कर देता है-
जीतेगा तो प्यार से
ये गाल सहलाए वरना
"टू-जी" का कन्टाप
गाल लाल कर देता है ।
"साइकल वाले" आये बोले-
बाकी सारे पानी कम हैं
लोहे का नहीं जी ये तो
लोहिया का आइटम है ।
पहिया इक विकास का है
दूसरा भड़ास का है
दोनों को मिला के ही
समाजवाद बनता है ।
वोट तुम हमीं को देना
कुरसी हमीं को देना
लाल टोपी आज ये
ऐलान कर देता है ।
जीत गया तो समाजवाद
का विकास होगा
वरना तो विरोध और
"मसाजवाद" बनता है ।
"फूल वाले" आये बोले-
फूल बड़े काम का है
"लाल-कृष्ण-पुष्प" है
"अटल-सुगंध" देता है
"इण्डिया शाइनिंग" कराता
खूब "माइनिंग" कराता
लच्छेदार भाषण का
प्रबंध कर देता है ।
वोट तुम हमीं को देना
कुरसी हमीं को देना
"पी एम इन वेटिंग" ये
ऐलान कर देता है ।
सीयम कौन बनेगा ये
किसी को पता नहीं पर
अयोध्या के मंदिर की
ज़ुबान पक्की देता है ।
आज का वोटर है शाणा
आज का वोटर है चालू
बुद्धि और विवेक से
बवाल कर देता है ।
जानता है इनमें से
कोई तो एक जीतेगा ही
अपनी जेब भारी
उल्लू सीधा कर लेता है।
कहीं से साड़ी जुगाड़ी
कहीं से ताड़ी जुगाड़ी
कहीं से मुद्रा कहीं
गाड़ी जुगाड़ लेता है ।
चारों ओर खिंचाव में
चुनाव के नुचाव में
रोटी सेंक लेता है
पुलाव भर लेता है ।
रोटी सेंक लेता है
पुलाव भर लेता है ।
-स्वतःवज्र