दादी ने सिक्का
रोज़ बचाया
सिक्के सिक्के
करते करते
गुल्लक पूरा
छलक गया ...
वो काँच की गुड़िया
बड़ी निराली
गुल्लक जितनी
महँगी थी
ऑंखें मन सब
अटक गया ...
गुड़िया चाही
गुल्लक टूटा
गुड़िया पाई
गुड़िया टूटी
गुल्लक -गुड़िया
साथ में टूटे
मिट्टी शीशा
चिटक गया ...
गुल्लक गुड़िया
धोखा देते
आँखों आंसू
ढुलक गया ...
दादी ने सिर
हाथ रखा
आँचल में आंसू
उलझ गया ,
रोते रोते
नींद आ गयी
गोदी में फिर
दुबक गया ..
नींद खुली तो
उसी जगह पे
खाली गुल्लक
रखा था
रोज़ बचाया
सिक्के सिक्के
करते करते
गुल्लक पूरा
छलक गया ...
वो काँच की गुड़िया
बड़ी निराली
गुल्लक जितनी
महँगी थी
ऑंखें मन सब
अटक गया ...
गुड़िया चाही
गुल्लक टूटा
गुड़िया पाई
गुड़िया टूटी
गुल्लक -गुड़िया
साथ में टूटे
मिट्टी शीशा
चिटक गया ...
गुल्लक गुड़िया
धोखा देते
आँखों आंसू
ढुलक गया ...
दादी ने सिर
हाथ रखा
आँचल में आंसू
उलझ गया ,
रोते रोते
नींद आ गयी
गोदी में फिर
दुबक गया ..
नींद खुली तो
उसी जगह पे
खाली गुल्लक
रखा था
दादी सबसे
प्यारी तुम हो
गुल्लक गुड़िया
धोखा देते
कौंध ज़हन में
सबक गया ...
प्यारी तुम हो
गुल्लक गुड़िया
धोखा देते
कौंध ज़हन में
सबक गया ...
दादी दादी
करते करते
हाथ पकड़ के
अमिया खाई
और गले से
लिपट गया ...
करते करते
हाथ पकड़ के
अमिया खाई
और गले से
लिपट गया ...
(To my Dadi.. Whose memories I search in my subconscious..n never get any. I will still keep on searching :) )
-स्वतःवज्र