सवाल ये नहीं के मेरा मकाँ कहाँ है
सवाल ये है के मैं आज कहाँ रहता हूँ
सवाल ये नहीं के आपको मेरा यकीन क्यूँ हो
सवाल ये है के मैं आपसे क्यूँ कहता हूँ
सवाल ये नहीं के किस दरिया में भँवर तेज़ है
सवाल ये है के मैं किस लहर में बहता हूँ
सवाल ये नहीं के वार क्यूँ नहीं करता
सवाल ये है क्यूँ खुद के ज़ख्म सहता हूँ
सवाल ये नहीं के तू कितना बुलंद लगता है
सवाल ये है के मैं कमज़ोर पुल सा ढेहता हूँ
-स्वतःवज्र
सवाल ये नहीं के आपको मेरा यकीन क्यूँ हो
सवाल ये है के मैं आपसे क्यूँ कहता हूँ
सवाल ये नहीं के किस दरिया में भँवर तेज़ है
सवाल ये है के मैं किस लहर में बहता हूँ
सवाल ये नहीं के वार क्यूँ नहीं करता
सवाल ये है क्यूँ खुद के ज़ख्म सहता हूँ
सवाल ये नहीं के तू कितना बुलंद लगता है
सवाल ये है के मैं कमज़ोर पुल सा ढेहता हूँ
-स्वतःवज्र