Thursday, 5 January 2012

तेरा नाम रहेगा... मेरे ज़हन में...

  दूरियाँ मिटाने को,
कितने पहाड़ों को चूर कर दिया,
कितने दरिया पुल से सी दिए,
कितने सुराख़ कर दिए पथरीली ज़मीनों में,
आब़ो हवा को मजबूर कर दिया |
दो पटरियाँ खरोंच दी वीरानों में,
नूर कर दिया |
अब अलविदा!
तेरा नाम "मेट्रो" है,
तेरा नाम रहेगा |
तेरा नाम हौसला है,
तेरा नाम उन-
पटरियों पे बहेगा!
अलविदा ! 
तेरा नाम रहेगा
मेरे ज़हन में.........
 (To E. Sreedharan, " The Metro Man of India", on his exemplary service to the Mother-Nation!)
 
  - स्वतःवज्र
 

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