एक टूटते टूटते जुड़ जाती है
दूजी जुड़ते जुड़ते टूट जाती है
एक आस है
दूजी साँस है
दोनों मिलाके ज़िंदगी बनती है
जो बेहतरीन बकवास है !
मन की रेत पर नहीं, यहाँ इस चट्टान पे लिखूँगा अब, जब मैं न मिलूं, पढ़ लेना, मेरे स्वर हैं, गुनगुनाओ कभी जब, मुझको महसूस करोगे !
स्वर ♪ ♫ .... | Creative Commons Attribution- Noncommercial License | Dandy Dandilion Designed by Simply Fabulous Blogger Templates