शायर को मरना होगा...
तोड़ के
चूरा करके
उस
बेख़ौफ़
बेलौस
बेमुरव्वत
बदतमीज़ मगर सच्चे शायर को
खाद बनाई जाये
कत्ले आम शायर का वक़्त की नज़ाकत है
नस्ल ए हिन्दुस्तान को खाद की ज़रूरत है !
शायर की शहादत से औज़ार रवाँ होता है
इन्कलाब होता है मुल्क़ जवाँ होता है !