साढ़े नौ किलोमीटर का सफ़र- भारत और युवा के साथ!
मैं भारत से मिला शाम का समय था | एक सुनसान रस्ते पर दोनों शांत खड़े थे- मैं
और भारत | दोनों को दूर तक जाना था- "विकास" तक | कोई गाड़ी न थी | विकास कई
किलोमीटर दूर था |
तभी एक बैलगाड़ी आती दिखी | दोनों बैठ लिए | चुप्पी | भारत का हुलिया मुझे
आकृष्ट कर रहा था | उसके पैर गरीबी और अशिक्षा के कीचड़ में सने थे | मैंने खुद
को सिकोड़ कर कीचड़ से बचाया | उसके कपडे साधारण थे- पुरानी जींस और सस्ती टी
शर्ट, पर युवा आँखों में गज़ब की चमक थी | उसके सिर "कश्मीर" पर चोटें थीं मगर
वह ऊंचा था | जहाँ तहां नक्सलवाद की खरोंचों के बाद भी वह बाल-सुलभ मुस्कुरा
रहा था | मुझे आश्चर्य हुआ- सुखद आश्चर्य |
मैंने बातचीत शुरू की|
मैं- कैसे हो?
भारत- मस्त हूँ | एकदम रापचिक्क | बोले तो फुल्टू झक्कास |
मैं- इतराओ मत | हुँह...
भारत- Chillax (chill + relax)! आओ आज इस सफ़र में तुम्हे अपने दोस्तों से
मिलवा दूँ | लगभग हर एक किलोमीटर पर वो व्यक्ति हैं जिनसे मेरा सरोकार है |
सबसे वाकिफ हो लो |
पहला किलोमीटर आने को था | तभी भागता हुआ एक उचक्का- जो कि शक्ल से ही एहसान
फरामोश लगता था- भारत की तरफ लपका |
भारत- यह पकिया (पाकिस्तान) है | देखना कुछ मांगेगा | उसे हमारे मोहल्ले
एशिया के दादा ने भेजा है जो पीछे झाड़ी में अपने कुत्ते "ड्रैगन" के साथ खड़ा
है, लाल लुंगी में- चीनू दादा | अब देखो मेरी "diplomatic skills" |
पकिया-(करीब आकर बैलगाड़ी के साथ साथ दौड़ रहा है) - यार मुझे 500 करोड़ रुपये
दे दो, मुज़फ्फराबाद में भूकंप आया है | फ्लैश फ्लड भी आया है...लोग भूखे
हैं...
भारत- यह लो 300 करोड़ | इतने ही हैं मेरे पास | ...और थोडा सियाचिन पर बात
करनी थी अगर...
पकिया- अभी मैं थोडा बिज़ी हूँ | बाद में ... bye dear ...
(भारत झेंप गया | मैंने घूरना बंद कर दिया | ये थी भारत कि "diplomatic
skills"!!! )
दूसरा किलोमीटर-
एक लड़का जो कि भारत का "युवा" था किनारे पुलिया पे कन्फ्यूज़ सा बैठा था |
भारत- क्या "युवा" ! कहाँ खोये हो?
युवा- गर्लफ्रेंड को आना था | अभी अभी she updated her status as "single"! यह
मेरा छठवां break -up है | nervous break down सा..| B.tech. सेकंड इयर में
हूँ | इंजीनियरिंग भी सांप-सीढ़ी कि तरह है |हर सेमेस्टर में साँप ही साँप हैं
| first innings में इण्डिया केवल 102 पे all out हो गयी | This life sucks as
hell ! साड्डा हक़ एथे रख | I'm going to join Anna Hazaare, thats it |
भारत ने उसे पुचकारते हुए कहा- यह मेरे गले में रत्नों कि माला है | इसका हर
पत्थर मेरा अनमोल रत्न है- यह गाँधी है, यह टैगोर, यह नेहरु, ये कलाम...तुम भी
ऐसे बनो
...एक अनमोल रत्न और जोड़ो न!
युवा- वो सब तो ठीक है, मगर semester exams और गर्लफ्रेंड का क्या करूँ?
भारत- बात में दम है बेटे लाल ! jus chill, manage them, make yourself strong
first, once you are strong , everything else follows ... tc chap ..
(युवा ध्यान से सुन रहा था जैसे सचमुच समझ रहा हो.. और मानने वाला हो...)
मैं- बिगाड़ ही दो इस लप्पू झन्ना को | टिका के देना था कान के नीचे |
तुम्हारे इसी लाड प्यार ने इसे अभिजित सावंत से राखी सावंत बना दिया है |
झेलोगे इसी तरह.. झेलू बेलन...
भारत- Take a chill pill dude !
तीसरा किलोमीटर-
मैंने भारत के गले में अनेकों सुनहरी और पुरानी मालाएं देखी | ये उसकी नदियाँ
थीं- शानदार पर मैली कुचैली | तभी Fun Republic Mall आ गया |
भारत- यह देखो मेरा दूसरा रूप- "India" जो कि कूल भी है- इसी में रमता है |
भोकाली है यह सब |
मैं- क्या भोकाली है? खट्टा रायता है | यहाँ recharge basis पे funहै, जितना
बड़ा recharge उतना ज्यादा fun ! recharge के लिए गाँधी चित्र चिपकाना पड़ता
है | यह Re.Pub.Lick तो है पर न तो democratic है न ही socialist ! अमीरों के
चोंचले...भाड़ में जाये नाग का fun और ऐसा republic , to the seventh hell !
भारत- तुम जैसे गरीबों के भी फायदे हैं इससे | इसके बाहर भीख तगड़ी मिलती है,
दबा के | इंजीनियरिंग कॉलेज के लड़के नैन मटक्का करते हैं, दबा के | centrally
a .c. ठंडा कर देता है आत्मा के रोयें रोयें, दबा के!
मैं- ये मार भी डालेगा तुम्हे एक दिन "दबा के"!
चौथा किलोमीटर-
एक सजी धजी युवती कड़ी थी | समझते देर न लगी कि वो "वो" है |
मैं- यह "वो" ही है ना?
भारत-हाँ, वेश्या है, वैसे तुम्हे काफी पहचान है, पक्की नज़र है तुम्हारी...
मैं- (झेंपते हुए) अरे!!
भारत- ये वेश्या खादी की नगर-वधू यानि कि "पुलिस" है | यह राज्य सरकारों कि
रखैल है | वेश्या का अस्तित्व शाश्वत है | हर देश, काल और परिस्थिति में इसका
वजूद था, है और रहेगा | यह नीलकंठ शंकर का अवतार है, जोकि स्वयं विषपान करके
समाज को अमृत देती है | और पास में जो खड़ा है वो उसका मेनेजर है, खड़ी हिंदी
में बोलें तो दलाल | इसका नाम मीडिया है | यह cases देखता है | इन दोनों को
प्रणाम करो, अपना नम्बर मत दे देना जी | ( भारत ने चुटकी ली)
मैं- यह स्थिति दुखद है |
भारत- है तो | लेकिन क्या करें शाश्वत चिरंतन सत्य है | यहाँ वाला सत्य शिवम्
भी है और सुन्दरम भी, मगर केवल मरहूम राजकपूर जी के दृष्टिकोण से ही | बाकि
झोल है | तभी वहां पुलिस के दो कस्टमर भी दिखे- एक खादी में दूसरा बाबू टाइप !
जय हो शिव शंकर भोले नाथ की...
पाँचवाँ किलोमीटर-
रात घिर रही थी | खतरनाक इलाका था | बोर्ड दिखा- "नक्सलवाद नगर" की नरकपालिका
आपका ..... करती है | आइये तो बताएं आपको | अरे घुसिए तो सही |
मेरे रोंगटे खड़े हो गए | साँसें चलने सी लगीं और धडकनें रुक गयी | यह कोई पहले
प्यार का मीठा मीठा नशा नहीं था, मीठा दर्द भी नहीं था | घिग्घी बंध गयी |
संक्षेप में, हवा tight हो गयी | भारत ने AK 47 निकाली और साफ़ करने लगा | तभी सामने एक लंगड़ा दिखा |
भारत- यह किसान है | ज्यादा तवज्जो मत दो | कोई नहीं देता | यह मामूली आदमी है | हर साल इसके जैसे १७००० आत्महत्या करते हैं, कौन सा बड़ा तीर मार लेते हैं | इसके दो पैर थे, दो बैल भीथे | बैल मार गए, एक पैर यानि इसकी ज़मीन- कट गया- SEZ की बलिवेदी पे शहीद हो गया | नेता जी और कलेक्टर साहब कहते हैं इसे मुआवजा मिलेगा, जैसे गब्बर ने कहा था "सजा मिलेगी जरूर मिलेगी" | वैसे भी किसान लंगड़े ही ठीक लगते हैं | पेट्रोल पम्प का LICENSE मिलेगा इसे | खुशहाल होगा | बेटे के दोनों पैर अपने हाथ से काटेगा, देख लेना |
(भारत का गला रुंध गया | सिर जोकि कभी नहीं झुका था, अब झुक गया | मैं और भी डर गया क्योंकि अभी सुबह होने में टाइम था और भारत के हाथ गन से हटकर एक बिछड़े आंसू को छुपाने की कोशिश में लग गए थे |)
छठवाँ किलोमीटर-
रात का अंतिम पहर | सफ़ेद चांदनी में पुरजोर गीले तीन बुज़ुर्ग बुझी हुई आग को तापने का असफल प्रयास कर रहे थे |
भारत- ते तीन "बुद्धिमान बूढ़े" हैं, Three wise men of the East- संस्कृति, ज्ञान और चरित्र | ये अब sidelined हैं | ये वक्त से पीछे रह गए | हम लोग Big Boss Season 5 में Sunny Leone तक पहुच गए | कारवां कब का निकल गया और ये भले आदमी गुबार ही देखते रहे ,बार बार लगातार ...
मैं- इन्हें "विकास" तक ले चलें क्या? जगह है बैलगाड़ी में |
भारत- इनकी विकास में क्या ज़रूरत? GDP Growth rate और Per capita income में कभी संस्कृति, ज्ञान और चरित्र का ज़िक्र सुना है तुमने ? हमारे प्रधानमंत्री जब बोलते हैं तो, बकौल ओबामा, दुनिया सुनती है | और तुम तो निरे मूढ़ हो, तुम नहीं सुनते | सिविल सर्वेंट हो क्या? मैंने हाँ में सिर हिलाना चाह पर शायद service rules याद आ गए | मैंने इग्नोर करने कि चाल चली और भारत को बुद्धू बना दिया, जैसे सब बनाते हैं | भारत बुद्धू बन गया | कभी बुद्ध हुआ करता था, आज मेरे सामने बुद्धू है भारत ! मेरी हंसी निकल पड़ी- हाहाहा बुद्धू भारत |
(अरे यह क्या! आश्चर्य!! यहाँ तो वो भी खड़ा है !!! "युवा" वही जो दूसरे किलोमीटर पर मिला था | संस्कृति, ज्ञान और चरित्र से बतिया रहा था | फिर उसने तीनों के पैर विनम्रतापूर्वक छुए और जाने लगा |
भारत का सिर गर्व से ऊंचा हो रहा था | मुझे भी फील गुड हुआ और निराशा का Ra.One , G.One के मधुर संगीत में तब्दील हो गया | ढिंका चिका.. ढिंका चिका.. ढिंका चिका .. ढिंका चिका .. हे हे हे हे ...
सूरज चाचू जाग रहे थे अब | यह एक नयी सुबह थी हम तीनों, युवा भारत और मेरे लिए )
सातवाँ किलोमीटर-
भारत ने कहा यह haunted एरिया है- भूतों और चुड़ैलों का इलाका | शैतानी इलाका |यहाँ साम्प्रदायिकता नामक चुड़ैल है और अलगाववाद नामक भूत |
मैं- साम्प्रदायिकता और अलगाववाद तुम्हारे पक्के दुश्मन हैं न?
भारत- हाँ हैं तो | लेकिन इलाज क्या है? AK 47 से कुछ नहीं होगा यहाँ |
मैं- तीन बुद्धिमान बूढों को बुलाओ न |
भारत- वो हार चुके हैं |
मैं- तो अब क्या होगा? कौन इसे ठीक करेगा? जनलोकपाल ?
(मेरे PJ पर भारत हंसा नहीं, मुझे एक कन्टाप मारा धर के)
भारत- केवल युवा ही कुछ कर सकता है | लेकिन वो तो इंजीनियरिंग, गर्लफ्रेंड, facebook , night लाइफ और क्रिकेट में फँसा है | बेचारा... lets see what happens...
(मेरा गाल कन्टाप से झन्ना गया | नरेगा में काम कर कर के और उस से भी ज्यादा आराम कर कर के भारत के हाथ मज़बूत हो गए थे | उसका रहपटा खा के मैं छटपटा गया )
आठवां किलोमीटर-
यहाँ से गाँव का गन्दा नमकीन महासागर ख़त्म होता था और शहर का मीठा झरना शुरू |
भारत ने झटपट रूप बदल लिया- Armani की jeans- Dakota fitting extra low waist, sleeveless T shirt और भोकाली goggles! खटाके से N-8 निकाला और fb पे अपना status update किया | मैंने मन में सोचा- स्लीव लेस शर्ट पेहेन लेने से आस्तीन के साँप थोड़े ही मर जाते हैं, हुँह.....
भारत (चहकते हुए)- यहाँ से मुझे इंडिया बुलाना | भारत is just middle class, down market and very LS (Low Society).
मैं- OK Boss :)
(तभी एक विदेशी सौदागर जोकि भारत का पुराना हाकिम हुआ करता था, पास आकर बोला )
फिरंगी सौदागर- यह लो इंडिया, तुम्हारा माल आ गया है | यह तलवार- "G- Sword", मतलब globalisation की तलवार और FDI का एक बड़ा बोरा |
मैं- यह क्या है भारत?... i mean India...
भारत- यह तलवार दुधारी है | इसका नाम globalisation | एक धार है World Bank दूसरी WTO ! इससे गरीबी और बेरोजगारी का शिकार करूँगा | G-Sword Roxxxx beta....
मैं- बचा के | देख के | अपने हाथ मत काट लेना | इसकी धार बड़ी पैनी है और बेचने वाले को देखो उसे बड़ी बेचैनी है | यह फिरंगी सौदागर है, trust him but verify too!... जैसा कि प्रधानमंत्री जी कहे रहेन...|
भारत ने तवज्जो नहीं दी और Kill Bill की Uma Thurman की भांति तलवार को निहारने लगा | globalisation की चाट है ही ऐसी- I'm lovin' it! muah, muah, muah...
नौवां किलोमीटर-
भारत- यहाँ से मेट्रो ले लेते हैं | बैलगाड़ी का jurisdiction ख़त्म |
(दोनों मेट्रो पर लद गए | धाँसू सा लगा | भारत शो ऑफ कर रहा था, मेट्रो का, G- Sword का, FDI का भी)
वहां सामने की सीट पर "चार Gentlemen" दिखे | चार महामानव | भारत चहकते हुए बोला ये विकास की और ले जाने वाले चार Gentlemen हैं | मुझे इन पर पूरा भरोसा है, ये हैं- IT, Bio Tech, Space Tech and Manufacturing.
मैं- ह्म्म्मम्म... मगर SEZ वाले इलाके में ये कुछ कर पायेंगे? वहां का माहौल अफगानिस्तान को टक्कर दे रहा है |
भारत- तुम्हारी बात में दम है | पहली बार टाइम पे सही बात के लिए मुंह खोल्यो राजा बाबू | मैं इन्हें G- Sword और FDI का बोरा दे दूंगा | Now relax dude!
(एक चम्मच यथार्थ को एक गिलास साँत्वना के साथ गटक लिया मैंने | मूड ठीक सा होने लगा, मैं कोलावेरी कोलावेरी गुनगुनाने लगा...)
चार महामानव अचानक ही मेट्रो से उतरने लगे | ये central secretariat मेट्रो स्टेशन था | भारत उन्हें सामान देने को लपका | मैंने follow किया |
(विकास तक जल्दी पहुचने कि लालसा में भारत भागने लगा | सीढियां उतरने लगा बेतहाशा...)
मैं- भारत संभाल के...आगे रिसेशन/ आर्थिक मंदी कि ग्रीज़ फ़ैली है |
भारत- मुझे 'विकास' तक पहुचना है, मंदी गयी तेल लेने |
(तभी धडाम !!! यह क्या ! क्या हुआ यह ! भारत विकास कि चाह में बेतहाशा लुढका जा रहा था- कई सीढियां- human rights , नैतिकता, उदात्त आदर्श, सद्भावना व करूणा कि सीढियां, एक एक करके...विकास कि अंधी दौड़ में... और कुछ ही देर में भारत मंहगाई और बे-रोजगारी कि कठोर ज़मीन पर आ गिरा ! चोटिल | एक हाथ में FDI का बोरा और दूसरे में globalisation की तलवार, सब बेकार... )
(मैंने उसे उठाना चाहा | चारों महामानवों ने हाथ लगाया | अफ़सोस भारत को चार कन्धों का सहारा लेना पड़ रहा था आज | उपमा अलंकार के इशारे मात्र से ही मेरा अंतर्मन काँप उठा |
अब भारत पहले हॉस्पिटल जायेगा | बाद में विकास कि खोज करेगा | सब कुछ टल गया था |
तभी युवा भागते हुए आता दिखा | साथ में डॉक्टर था |)
युवा- मैंने भारत को गिरते देख लिया था | डॉक्टर पकड़ लाया हूँ | पेन किलर और युवा के चेहरे के असर के कारण भारत फिर से खड़ा हो गया | चारों महामानवों को 'माल' थमा दिया |
युवा- भारत तुम जाओगे विकास तक | मैंने अपने issues sort out कर लिए हैं, I will manage them well in future too ... मैं ले जाऊँगा तुम्हे |
(भारत के मन कि असीम शांति और चेहरे कि चमक आसानी से पढ़ी जा सकती थी )
भारत युवा से कहता है- मैं और तुम एक ही हैं !
युवा- हाँ हम दोनों तो एक ही हैं | तुम्हारा यह सिर कश्मीर मेरी भी शान है | तुम्हारी दोनों आस्तीनों में दो काले साँप- पकिया और चीनू दादा- मेरे लिए भी ज़हर हैं | तुम्हारी इन नदियों में बहता पानी मेरी रगों में बहता खून है | सच में मैं ही भारत हूँ, I am INDIA!
(अब भारत को कोई चिंता नहीं थी क्योंकि संस्कृति, ज्ञान और चरित्र तीनों बुद्धिमान बूढों की परंपरा को युवा ने हिम्मत के साथ स्वीकार कर लिया था | अब भारत के लिए रास्ता केवल कठिन था, असंभव नहीं! मेरी राह भी आसन हो गयी थी | विकास हम आ रहे हैं, अपनी गौरवशाली परंपरा के साथ...
मैं देख रहा था, भारत मुस्कुरा रहा था और युवा मन ही मन बार बार दुहरा रहा था-
"I am INDIA!, I am INDIA!, I am INDIA!.....")
- स्वरोचिष "स्वतःवज्र " :)
मैं भारत से मिला शाम का समय था | एक सुनसान रस्ते पर दोनों शांत खड़े थे- मैं
और भारत | दोनों को दूर तक जाना था- "विकास" तक | कोई गाड़ी न थी | विकास कई
किलोमीटर दूर था |
तभी एक बैलगाड़ी आती दिखी | दोनों बैठ लिए | चुप्पी | भारत का हुलिया मुझे
आकृष्ट कर रहा था | उसके पैर गरीबी और अशिक्षा के कीचड़ में सने थे | मैंने खुद
को सिकोड़ कर कीचड़ से बचाया | उसके कपडे साधारण थे- पुरानी जींस और सस्ती टी
शर्ट, पर युवा आँखों में गज़ब की चमक थी | उसके सिर "कश्मीर" पर चोटें थीं मगर
वह ऊंचा था | जहाँ तहां नक्सलवाद की खरोंचों के बाद भी वह बाल-सुलभ मुस्कुरा
रहा था | मुझे आश्चर्य हुआ- सुखद आश्चर्य |
मैंने बातचीत शुरू की|
मैं- कैसे हो?
भारत- मस्त हूँ | एकदम रापचिक्क | बोले तो फुल्टू झक्कास |
मैं- इतराओ मत | हुँह...
भारत- Chillax (chill + relax)! आओ आज इस सफ़र में तुम्हे अपने दोस्तों से
मिलवा दूँ | लगभग हर एक किलोमीटर पर वो व्यक्ति हैं जिनसे मेरा सरोकार है |
सबसे वाकिफ हो लो |
पहला किलोमीटर आने को था | तभी भागता हुआ एक उचक्का- जो कि शक्ल से ही एहसान
फरामोश लगता था- भारत की तरफ लपका |
भारत- यह पकिया (पाकिस्तान) है | देखना कुछ मांगेगा | उसे हमारे मोहल्ले
एशिया के दादा ने भेजा है जो पीछे झाड़ी में अपने कुत्ते "ड्रैगन" के साथ खड़ा
है, लाल लुंगी में- चीनू दादा | अब देखो मेरी "diplomatic skills" |
पकिया-(करीब आकर बैलगाड़ी के साथ साथ दौड़ रहा है) - यार मुझे 500 करोड़ रुपये
दे दो, मुज़फ्फराबाद में भूकंप आया है | फ्लैश फ्लड भी आया है...लोग भूखे
हैं...
भारत- यह लो 300 करोड़ | इतने ही हैं मेरे पास | ...और थोडा सियाचिन पर बात
करनी थी अगर...
पकिया- अभी मैं थोडा बिज़ी हूँ | बाद में ... bye dear ...
(भारत झेंप गया | मैंने घूरना बंद कर दिया | ये थी भारत कि "diplomatic
skills"!!! )
दूसरा किलोमीटर-
एक लड़का जो कि भारत का "युवा" था किनारे पुलिया पे कन्फ्यूज़ सा बैठा था |
भारत- क्या "युवा" ! कहाँ खोये हो?
युवा- गर्लफ्रेंड को आना था | अभी अभी she updated her status as "single"! यह
मेरा छठवां break -up है | nervous break down सा..| B.tech. सेकंड इयर में
हूँ | इंजीनियरिंग भी सांप-सीढ़ी कि तरह है |हर सेमेस्टर में साँप ही साँप हैं
| first innings में इण्डिया केवल 102 पे all out हो गयी | This life sucks as
hell ! साड्डा हक़ एथे रख | I'm going to join Anna Hazaare, thats it |
भारत ने उसे पुचकारते हुए कहा- यह मेरे गले में रत्नों कि माला है | इसका हर
पत्थर मेरा अनमोल रत्न है- यह गाँधी है, यह टैगोर, यह नेहरु, ये कलाम...तुम भी
ऐसे बनो
...एक अनमोल रत्न और जोड़ो न!
युवा- वो सब तो ठीक है, मगर semester exams और गर्लफ्रेंड का क्या करूँ?
भारत- बात में दम है बेटे लाल ! jus chill, manage them, make yourself strong
first, once you are strong , everything else follows ... tc chap ..
(युवा ध्यान से सुन रहा था जैसे सचमुच समझ रहा हो.. और मानने वाला हो...)
मैं- बिगाड़ ही दो इस लप्पू झन्ना को | टिका के देना था कान के नीचे |
तुम्हारे इसी लाड प्यार ने इसे अभिजित सावंत से राखी सावंत बना दिया है |
झेलोगे इसी तरह.. झेलू बेलन...
भारत- Take a chill pill dude !
तीसरा किलोमीटर-
मैंने भारत के गले में अनेकों सुनहरी और पुरानी मालाएं देखी | ये उसकी नदियाँ
थीं- शानदार पर मैली कुचैली | तभी Fun Republic Mall आ गया |
भारत- यह देखो मेरा दूसरा रूप- "India" जो कि कूल भी है- इसी में रमता है |
भोकाली है यह सब |
मैं- क्या भोकाली है? खट्टा रायता है | यहाँ recharge basis पे funहै, जितना
बड़ा recharge उतना ज्यादा fun ! recharge के लिए गाँधी चित्र चिपकाना पड़ता
है | यह Re.Pub.Lick तो है पर न तो democratic है न ही socialist ! अमीरों के
चोंचले...भाड़ में जाये नाग का fun और ऐसा republic , to the seventh hell !
भारत- तुम जैसे गरीबों के भी फायदे हैं इससे | इसके बाहर भीख तगड़ी मिलती है,
दबा के | इंजीनियरिंग कॉलेज के लड़के नैन मटक्का करते हैं, दबा के | centrally
a .c. ठंडा कर देता है आत्मा के रोयें रोयें, दबा के!
मैं- ये मार भी डालेगा तुम्हे एक दिन "दबा के"!
चौथा किलोमीटर-
एक सजी धजी युवती कड़ी थी | समझते देर न लगी कि वो "वो" है |
मैं- यह "वो" ही है ना?
भारत-हाँ, वेश्या है, वैसे तुम्हे काफी पहचान है, पक्की नज़र है तुम्हारी...
मैं- (झेंपते हुए) अरे!!
भारत- ये वेश्या खादी की नगर-वधू यानि कि "पुलिस" है | यह राज्य सरकारों कि
रखैल है | वेश्या का अस्तित्व शाश्वत है | हर देश, काल और परिस्थिति में इसका
वजूद था, है और रहेगा | यह नीलकंठ शंकर का अवतार है, जोकि स्वयं विषपान करके
समाज को अमृत देती है | और पास में जो खड़ा है वो उसका मेनेजर है, खड़ी हिंदी
में बोलें तो दलाल | इसका नाम मीडिया है | यह cases देखता है | इन दोनों को
प्रणाम करो, अपना नम्बर मत दे देना जी | ( भारत ने चुटकी ली)
मैं- यह स्थिति दुखद है |
भारत- है तो | लेकिन क्या करें शाश्वत चिरंतन सत्य है | यहाँ वाला सत्य शिवम्
भी है और सुन्दरम भी, मगर केवल मरहूम राजकपूर जी के दृष्टिकोण से ही | बाकि
झोल है | तभी वहां पुलिस के दो कस्टमर भी दिखे- एक खादी में दूसरा बाबू टाइप !
जय हो शिव शंकर भोले नाथ की...
पाँचवाँ किलोमीटर-
रात घिर रही थी | खतरनाक इलाका था | बोर्ड दिखा- "नक्सलवाद नगर" की नरकपालिका
आपका ..... करती है | आइये तो बताएं आपको | अरे घुसिए तो सही |
मेरे रोंगटे खड़े हो गए | साँसें चलने सी लगीं और धडकनें रुक गयी | यह कोई पहले
प्यार का मीठा मीठा नशा नहीं था, मीठा दर्द भी नहीं था | घिग्घी बंध गयी |
संक्षेप में, हवा tight हो गयी | भारत ने AK 47 निकाली और साफ़ करने लगा | तभी सामने एक लंगड़ा दिखा |
भारत- यह किसान है | ज्यादा तवज्जो मत दो | कोई नहीं देता | यह मामूली आदमी है | हर साल इसके जैसे १७००० आत्महत्या करते हैं, कौन सा बड़ा तीर मार लेते हैं | इसके दो पैर थे, दो बैल भीथे | बैल मार गए, एक पैर यानि इसकी ज़मीन- कट गया- SEZ की बलिवेदी पे शहीद हो गया | नेता जी और कलेक्टर साहब कहते हैं इसे मुआवजा मिलेगा, जैसे गब्बर ने कहा था "सजा मिलेगी जरूर मिलेगी" | वैसे भी किसान लंगड़े ही ठीक लगते हैं | पेट्रोल पम्प का LICENSE मिलेगा इसे | खुशहाल होगा | बेटे के दोनों पैर अपने हाथ से काटेगा, देख लेना |
(भारत का गला रुंध गया | सिर जोकि कभी नहीं झुका था, अब झुक गया | मैं और भी डर गया क्योंकि अभी सुबह होने में टाइम था और भारत के हाथ गन से हटकर एक बिछड़े आंसू को छुपाने की कोशिश में लग गए थे |)
छठवाँ किलोमीटर-
रात का अंतिम पहर | सफ़ेद चांदनी में पुरजोर गीले तीन बुज़ुर्ग बुझी हुई आग को तापने का असफल प्रयास कर रहे थे |
भारत- ते तीन "बुद्धिमान बूढ़े" हैं, Three wise men of the East- संस्कृति, ज्ञान और चरित्र | ये अब sidelined हैं | ये वक्त से पीछे रह गए | हम लोग Big Boss Season 5 में Sunny Leone तक पहुच गए | कारवां कब का निकल गया और ये भले आदमी गुबार ही देखते रहे ,बार बार लगातार ...
मैं- इन्हें "विकास" तक ले चलें क्या? जगह है बैलगाड़ी में |
भारत- इनकी विकास में क्या ज़रूरत? GDP Growth rate और Per capita income में कभी संस्कृति, ज्ञान और चरित्र का ज़िक्र सुना है तुमने ? हमारे प्रधानमंत्री जब बोलते हैं तो, बकौल ओबामा, दुनिया सुनती है | और तुम तो निरे मूढ़ हो, तुम नहीं सुनते | सिविल सर्वेंट हो क्या? मैंने हाँ में सिर हिलाना चाह पर शायद service rules याद आ गए | मैंने इग्नोर करने कि चाल चली और भारत को बुद्धू बना दिया, जैसे सब बनाते हैं | भारत बुद्धू बन गया | कभी बुद्ध हुआ करता था, आज मेरे सामने बुद्धू है भारत ! मेरी हंसी निकल पड़ी- हाहाहा बुद्धू भारत |
(अरे यह क्या! आश्चर्य!! यहाँ तो वो भी खड़ा है !!! "युवा" वही जो दूसरे किलोमीटर पर मिला था | संस्कृति, ज्ञान और चरित्र से बतिया रहा था | फिर उसने तीनों के पैर विनम्रतापूर्वक छुए और जाने लगा |
भारत का सिर गर्व से ऊंचा हो रहा था | मुझे भी फील गुड हुआ और निराशा का Ra.One , G.One के मधुर संगीत में तब्दील हो गया | ढिंका चिका.. ढिंका चिका.. ढिंका चिका .. ढिंका चिका .. हे हे हे हे ...
सूरज चाचू जाग रहे थे अब | यह एक नयी सुबह थी हम तीनों, युवा भारत और मेरे लिए )
सातवाँ किलोमीटर-
भारत ने कहा यह haunted एरिया है- भूतों और चुड़ैलों का इलाका | शैतानी इलाका |यहाँ साम्प्रदायिकता नामक चुड़ैल है और अलगाववाद नामक भूत |
मैं- साम्प्रदायिकता और अलगाववाद तुम्हारे पक्के दुश्मन हैं न?
भारत- हाँ हैं तो | लेकिन इलाज क्या है? AK 47 से कुछ नहीं होगा यहाँ |
मैं- तीन बुद्धिमान बूढों को बुलाओ न |
भारत- वो हार चुके हैं |
मैं- तो अब क्या होगा? कौन इसे ठीक करेगा? जनलोकपाल ?
(मेरे PJ पर भारत हंसा नहीं, मुझे एक कन्टाप मारा धर के)
भारत- केवल युवा ही कुछ कर सकता है | लेकिन वो तो इंजीनियरिंग, गर्लफ्रेंड, facebook , night लाइफ और क्रिकेट में फँसा है | बेचारा... lets see what happens...
(मेरा गाल कन्टाप से झन्ना गया | नरेगा में काम कर कर के और उस से भी ज्यादा आराम कर कर के भारत के हाथ मज़बूत हो गए थे | उसका रहपटा खा के मैं छटपटा गया )
आठवां किलोमीटर-
यहाँ से गाँव का गन्दा नमकीन महासागर ख़त्म होता था और शहर का मीठा झरना शुरू |
भारत ने झटपट रूप बदल लिया- Armani की jeans- Dakota fitting extra low waist, sleeveless T shirt और भोकाली goggles! खटाके से N-8 निकाला और fb पे अपना status update किया | मैंने मन में सोचा- स्लीव लेस शर्ट पेहेन लेने से आस्तीन के साँप थोड़े ही मर जाते हैं, हुँह.....
भारत (चहकते हुए)- यहाँ से मुझे इंडिया बुलाना | भारत is just middle class, down market and very LS (Low Society).
मैं- OK Boss :)
(तभी एक विदेशी सौदागर जोकि भारत का पुराना हाकिम हुआ करता था, पास आकर बोला )
फिरंगी सौदागर- यह लो इंडिया, तुम्हारा माल आ गया है | यह तलवार- "G- Sword", मतलब globalisation की तलवार और FDI का एक बड़ा बोरा |
मैं- यह क्या है भारत?... i mean India...
भारत- यह तलवार दुधारी है | इसका नाम globalisation | एक धार है World Bank दूसरी WTO ! इससे गरीबी और बेरोजगारी का शिकार करूँगा | G-Sword Roxxxx beta....
मैं- बचा के | देख के | अपने हाथ मत काट लेना | इसकी धार बड़ी पैनी है और बेचने वाले को देखो उसे बड़ी बेचैनी है | यह फिरंगी सौदागर है, trust him but verify too!... जैसा कि प्रधानमंत्री जी कहे रहेन...|
भारत ने तवज्जो नहीं दी और Kill Bill की Uma Thurman की भांति तलवार को निहारने लगा | globalisation की चाट है ही ऐसी- I'm lovin' it! muah, muah, muah...
नौवां किलोमीटर-
भारत- यहाँ से मेट्रो ले लेते हैं | बैलगाड़ी का jurisdiction ख़त्म |
(दोनों मेट्रो पर लद गए | धाँसू सा लगा | भारत शो ऑफ कर रहा था, मेट्रो का, G- Sword का, FDI का भी)
वहां सामने की सीट पर "चार Gentlemen" दिखे | चार महामानव | भारत चहकते हुए बोला ये विकास की और ले जाने वाले चार Gentlemen हैं | मुझे इन पर पूरा भरोसा है, ये हैं- IT, Bio Tech, Space Tech and Manufacturing.
मैं- ह्म्म्मम्म... मगर SEZ वाले इलाके में ये कुछ कर पायेंगे? वहां का माहौल अफगानिस्तान को टक्कर दे रहा है |
भारत- तुम्हारी बात में दम है | पहली बार टाइम पे सही बात के लिए मुंह खोल्यो राजा बाबू | मैं इन्हें G- Sword और FDI का बोरा दे दूंगा | Now relax dude!
(एक चम्मच यथार्थ को एक गिलास साँत्वना के साथ गटक लिया मैंने | मूड ठीक सा होने लगा, मैं कोलावेरी कोलावेरी गुनगुनाने लगा...)
चार महामानव अचानक ही मेट्रो से उतरने लगे | ये central secretariat मेट्रो स्टेशन था | भारत उन्हें सामान देने को लपका | मैंने follow किया |
(विकास तक जल्दी पहुचने कि लालसा में भारत भागने लगा | सीढियां उतरने लगा बेतहाशा...)
मैं- भारत संभाल के...आगे रिसेशन/ आर्थिक मंदी कि ग्रीज़ फ़ैली है |
भारत- मुझे 'विकास' तक पहुचना है, मंदी गयी तेल लेने |
(तभी धडाम !!! यह क्या ! क्या हुआ यह ! भारत विकास कि चाह में बेतहाशा लुढका जा रहा था- कई सीढियां- human rights , नैतिकता, उदात्त आदर्श, सद्भावना व करूणा कि सीढियां, एक एक करके...विकास कि अंधी दौड़ में... और कुछ ही देर में भारत मंहगाई और बे-रोजगारी कि कठोर ज़मीन पर आ गिरा ! चोटिल | एक हाथ में FDI का बोरा और दूसरे में globalisation की तलवार, सब बेकार... )
(मैंने उसे उठाना चाहा | चारों महामानवों ने हाथ लगाया | अफ़सोस भारत को चार कन्धों का सहारा लेना पड़ रहा था आज | उपमा अलंकार के इशारे मात्र से ही मेरा अंतर्मन काँप उठा |
अब भारत पहले हॉस्पिटल जायेगा | बाद में विकास कि खोज करेगा | सब कुछ टल गया था |
तभी युवा भागते हुए आता दिखा | साथ में डॉक्टर था |)
युवा- मैंने भारत को गिरते देख लिया था | डॉक्टर पकड़ लाया हूँ | पेन किलर और युवा के चेहरे के असर के कारण भारत फिर से खड़ा हो गया | चारों महामानवों को 'माल' थमा दिया |
युवा- भारत तुम जाओगे विकास तक | मैंने अपने issues sort out कर लिए हैं, I will manage them well in future too ... मैं ले जाऊँगा तुम्हे |
(भारत के मन कि असीम शांति और चेहरे कि चमक आसानी से पढ़ी जा सकती थी )
भारत युवा से कहता है- मैं और तुम एक ही हैं !
युवा- हाँ हम दोनों तो एक ही हैं | तुम्हारा यह सिर कश्मीर मेरी भी शान है | तुम्हारी दोनों आस्तीनों में दो काले साँप- पकिया और चीनू दादा- मेरे लिए भी ज़हर हैं | तुम्हारी इन नदियों में बहता पानी मेरी रगों में बहता खून है | सच में मैं ही भारत हूँ, I am INDIA!
(अब भारत को कोई चिंता नहीं थी क्योंकि संस्कृति, ज्ञान और चरित्र तीनों बुद्धिमान बूढों की परंपरा को युवा ने हिम्मत के साथ स्वीकार कर लिया था | अब भारत के लिए रास्ता केवल कठिन था, असंभव नहीं! मेरी राह भी आसन हो गयी थी | विकास हम आ रहे हैं, अपनी गौरवशाली परंपरा के साथ...
मैं देख रहा था, भारत मुस्कुरा रहा था और युवा मन ही मन बार बार दुहरा रहा था-
"I am INDIA!, I am INDIA!, I am INDIA!.....")
- स्वरोचिष "स्वतःवज्र " :)