दुनिया ने बोलते नही सुना
बतियाते देखा नहीं
मानो मुँह में
ज़ुबान ही ना हो
बस मुस्कुराता था
जाने क्यूँ...
वो शायर था
लोगों से सुनता था
अपनी डायरी से कहता था
कल रात के
बारिश-ओ-तूफान में
दोनो तबाह हुए
डायरी भी
शायर भी...
और मुस्कान उसकी
गुमशुदा है...