Friday, 15 June 2012

रिलेटिविटी


रेल में    
खिड़की पे बैठ के 
हर दफ़ा महसूस  हुआ है...

जो मेरे ज़ियादा क़रीब है 
वो तेज़ी से दूर जा रहा है...


 

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