उसका चेहरा
गोल रोटी
गर्म चाय
दाल-चावल
कोमल छुअन
छुट्टे पैसे
मेरी मुस्कान
दो बूँद आँसू
माँ याद आती हो...
मन की रेत पर नहीं, यहाँ इस चट्टान पे लिखूँगा अब, जब मैं न मिलूं, पढ़ लेना, मेरे स्वर हैं, गुनगुनाओ कभी जब, मुझको महसूस करोगे !
स्वर ♪ ♫ .... | Creative Commons Attribution- Noncommercial License | Dandy Dandilion Designed by Simply Fabulous Blogger Templates